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  • राज्यपाल ने किया नूरपुर के जन्माष्टमी महोत्सव का शुभारंभ, भव्य शोभायात्रा में लिया भाग
    राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज कांगड़ा जिले के नूरपुर में दो दिवसीय राज्य स्तरीय जन्माष्टमी महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने चौगान से बृजराज मंदिर तक निकाली गई भव्य शोभायात्रा की अगुवाई भी की। महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर वन, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया भी उपस्थित रहे।
    इस अवसर पर प्रदेशवासियों को जन्माष्टमी की बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह त्योहार भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है, जिन्होंने हमें मानवता के कल्याण के लिए गीता का संदेश दिया था। राज्यपाल ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में ईमानदारी और समर्पण भाव से कर्म करने का संदेश दिया और उनकी ये शिक्षाएं सदैव प्रासंगिक हैं।
    राज्यपाल ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण तथा भगवान श्रीराम भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता के सबसे बड़े आदर्श हैं और संपूर्ण भारत को एक सूत्र में पिरोते हैं। इनसे देश की एकता और अखंडता निहित है। राज्यपाल ने कहा कि जन्माष्टमी उत्सव भारत के कोने-कोने में उल्लास और उमंग के साथ मनाया जाता है।
     राज्यपाल ने लोगों से एकता और सद्भावना के साथ मानव कल्याण के लिए कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें अपनी समृद्ध संस्कृति और उच्च मूल्यों पर गर्व करना चाहिए। हमारा हर कार्य राष्ट्रीयता की भावना से परिपूर्ण  होना चाहिए। उन्होंने हर घर तिरंगा अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि यह अभियान राष्ट्रीयता और आत्म सम्मान से जुड़ा हुआ है। हमें सदैव इस भावना का पालन करना चाहिए।
    राज्यपाल ने बृजराज स्मारिका के प्रथम संस्करण का विमोचन भी किया।
    इस अवसर पर राज्यपाल ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित भी किया।
    इससे पहले वन मंत्री राकेश पठानिया ने राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने राज्य स्तरीय जन्माष्टमी महोत्सव में राज्यपाल के आगमन पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह पर्व इस क्षेत्र के लोगों की समृद्ध संस्कृति और विश्वास का प्रतीक है।
    इस अवसर पर बच्चों द्वारा एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
    राज्य लघु बचत सलाहकार बोर्ड के उपाध्यक्ष संजय गुलेरिया, उपमंडलाधिकारी एवं अध्यक्ष महोत्सव आयोजन समिति अनिल भारद्वाज, जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
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