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नन्‍द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने अवगत कराया कि आज गुवाहाटी में एसजेवीएन की
पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्‍थ कंपनी एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) और असम पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी
लिमिटेड (एपीडीसीएल) के मध्‍य एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। एक संयुक्त उपक्रम कंपनी की
स्‍थापना करके असम में 1000 मेगावाट की फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजनाओं को विकसित करने के लिए समझौता ज्ञापन
पर हस्ताक्षर किए गए।
असम के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा, माननीय सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग, कौशल, रोजगार
एवं उद्यमिता तथा पर्यटन मंत्री, श्री जयंत मल्लबरुआ, माननीय विद्युत मंत्री, श्रीमती नंदिता गोरलोसा तथा माननीय श्रम
कल्याण मंत्री श्री संजय किशन की गरिमामयी उपस्थिति में श्री नन्‍द लाल शर्मा, अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन
और श्री राकेश कुमार (आईएएस), प्रबंध निदेशक, एपीडीसीएल द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर
प्रधान सचिव (विद्युत), श्री नीरज वर्मा (आईएएस), श्री ए.के सिंह, निदेशक (वित्त) एसजेवीएन, श्री एस.एल. शर्मा, सीईओ
(एसजीईएल) सहित राज्य सरकार, एसजेवीएन और एसजीईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
श्री नन्‍द लाल शर्मा ने परियोजना के लाभों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कमीशनिंग के पश्‍चात परियोजना पहले वर्ष
में 2192 मिलियन यूनिट का विद्युत उत्‍पादन करेगी और 25 वर्षों में लगभग 50425 मिलियन यूनिट का संचयी विद्युत
उत्‍पादन होगा। एसजेवीएन द्वारा परियोजना के विकास के लिए राज्‍य में 6000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।
निर्माण और प्रचालन चरणों के दौरान लगभग 4000 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्राप्‍त
होंगे। इस परियोजना से पहले वर्ष के लिए कार्बन उत्सर्जन में 1,07,383 टन की कमी और पूरे जीवन काल में 24,70,732
टन की कमी हासिल होगी।
श्री नन्‍द लाल शर्मा ने कहा कि “एसजेवीएन असम की प्रगति और राज्य में हरित ऊर्जा के विकास में भागीदार बनने
का इच्छुक है। यह परियोजना असम में रोजगार, स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा देने, हरित विद्युत उत्पादन, कार्बन उत्सर्जन में
कमी और सभी सामाजिक-आर्थिक विकास के अनेक बहुआयामी अवसर लाएगी”।
असम में लगभग 3000 मेगावाट की फ्लोटिंग सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता है, जिसमें से एसजेवीएन राज्य में 1000
मेगावाट की फ्लोटिंग सौर परियोजनाओं का विकास करेगी और यह 4500 हेक्टेयर जल क्षेत्र में अवस्थित होगी। इससे
लगभग 2500 हेक्टेयर भूमि की बचत होगी क्योंकि फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए किसी भूमि को समतल करने,
वनस्पति को हटाने या किसी विस्थापन की आवश्यकता नहीं होती है।
एसजेवीएन का वर्तमान कुल पोर्टफोलियो लगभग 42,000 मेगावाट है और इसमें से लगभग 97% गैर-जीवाश्म ईंधन
स्रोतों पर आधारित है, जो पूरे भारत और पड़ोसी देशों नेपाल और भूटान में विद्यमान है। वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन
स्रोतों से 50% ऊर्जा प्राप्त करने के भारत सरकार के लक्ष्य के साथ कंपनी ने वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक
25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट क्षमता के अपने साझा विजन को संरेखित किया है। एक रणनीतिक और
विश्वसनीय भागीदार के रूप में एसजेवीएन की राष्ट्र के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की योजना है।