Tue. Dec 3rd, 2024

मैंने GDP सेंट्रिक अप्रोच के बजाय Human Centric Vision पर निरंतर आपका ध्यान आकर्षित किया है।आज भारत जैसे अनेक देशों के पास ऐसा कितना कुछ है, जो हम पूरे विश्व के साथ साझा कर रहे हैं।भारत ने चंद्रयान मिशन के डेटा को मानव हित में सबके साथ शेयर करने की बात की है।ये भी Human Centric ग्रोथ को लेकर हमारे कमिटमेंट का प्रमाण है।

भारत ने टेक्नॉलॉजी को इंक्लूसिव डेवलपमेंट के लिए, लास्ट माइल डिलिवरी के लिए, उपयोग किया है।हमारे छोटे से छोटे गाँव में, छोटे से छोटा व्यापारी भी, डिजिटल पेमेंट्स कर रहा है। मुझे खुशी है कि भारत की अध्यक्षता में Digital Public Infrastructure के लिए मजबूत फ्रेमवर्क पर सहमति बनी है।इसी तरह, “G20 Principles on Harnessing Data for Development” को भी स्वीकार किया गया है।

ग्लोबल साउथ के विकास के लिए “Data for Development Capacity Building Initiative” को लॉन्च करने का निर्णय भी लिया है।भारत की प्रेसीडेंसी में Startup 20 engagement ग्रुप का गठन भी एक बड़ा कदम है।

Friends,

आज हम न्यू जेनेरेशन टेक्नॉलॉजी में अकल्पनीय स्केल और स्पीड के गवाह बन रहे हैं। Artificial Intelligence का उदाहरण हमारे सामने है। 2019 में G20 ने “Principles on AI” अपनाये थे। आज हमें उससे एक कदम और आगे बढ़ने की जरूरत है।

मेरा सुझाव है कि अब हम Responsible Human-centric AI governance के लिये एक फ्रेमवर्क तैयार करें। इस संबंध में भारत भी अपने सुझाव देगा। हमारा प्रयास होगा कि Socio-Economic Development, ग्लोबल workforce और R&D जैसे क्षेत्रों में सभी देशों को AI का लाभ मिले।

Friends,

आज कुछ अन्य ज्वलंत समस्याएं भी हमारे विश्व के सामने हैं, जो हम सभी देशों के वर्तमान और भविष्य, दोनों को प्रभावित कर रही हैं।साइबर सिक्योरिटी और Crypto-currency की चुनौतियों से हम परिचित हैं। Crypto-currency का क्षेत्र, social order, monetary और financial stability, सबके लिए एक नया विषय बनकर उभरा है। इसलिए हमें Crypto-currencies को रेगुलेट करने के लिए ग्लोबल स्टैंडर्ड्स develop करने होंगे। हमारे सामने Basel standards on bank regulation एक मॉडल के रूप में है।

इस दिशा में जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। इसी प्रकार साइबर सिक्योरिटी के लिए भी वैश्विक सहयोग और फ्रेमवर्क की ज़रूरत है। साइबर जगत से आतंकवाद को नए माध्यम, फंडिंग के नए तौर-तरीके मिल रहे हैं।ये हर देश की सुरक्षा और समृद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण विषय है।

जब हम हर देश की सुरक्षा, हर देश की संवेदना का ध्यान रखेंगे, तभी One Future का भाव सशक्त होगा।

Friends,

विश्व को एक बेहतर भविष्य की तरफ ले जाने के लिए ये जरूरी है कि वैश्विक व्यवस्थाएं वर्तमान की वास्तविकताओं के मुताबिक हों।आज “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद” भी इसका एक उदाहरण है।जब UN की स्थापना की गयी थी, उस समय का विश्व आज से बिलकुल अलग था।उस समय UN में 51 फाउंडिंग मेंबर्स थे। आज UN में शामिल देशों की संख्या करीब 200 हो चुकी है।

बावजूद इसके, UNSC में स्थाई सदस्य आज भी उतने ही हैं।तब से आज तक दुनिया हर लिहाज़ से बहुत बदल चुकी है।ट्रांसपोर्ट हो, कम्यूनिकेशन हो, हेल्थ, एजुकेशन, हर सेक्टर का कायाकल्प हो चुका है।ये new realities हमारे new global structure में reflect होनी चाहिए।

ये प्रकृति का नियम है कि जो व्यक्ति और संस्था समय के साथ स्वयं में बदलाव नहीं लाती है, वो अपनी प्रासंगिकता खो देती है। हमें खुले मन से विचार करना होगा कि आखिर क्या कारण है कि बीते वर्षों में अनेक रीजनल फोरम्स अस्तित्व में आए हैं, और वो प्रभावी भी सिद्ध हो रहे हैं।

Friends,

आज हर वैश्विक संस्था को अपनी प्रासंगिकता बढ़ाने के लिए Reform करना आवश्यक है।इसी सोच के साथ हमने कल ही अफ्रीकन यूनियन को G-20 का स्थाई सदस्य बनाने की ऐतिहासिक पहल की है।इसी तरह, हमें Multilateral Development Banks के मैंडेट का विस्तार भी करना होगा।इस दिशा में हमारे फैसले immediate भी होने चाहिए, और effective भी होने चाहिए।

Friends,

तेजी से बदलते विश्व में हमें transformation के साथ-साथ sustainability और stability की भी उतनी ही जरूरत है। आइए! हम प्रण लें कि Green Development Pact, Action Plan on SDGs, High level Principles on Anti-corruption, Digital Public Infrastructure, और MDB Reforms के अपने संकल्पों को सिद्धि तक लेकर जायेंगे।