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हिमाचल प्रदेश के मंडी जनपद में श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नेरचौक सरकारी नहीं बल्कि नीजि भूमि पर बना हुआ है। इस बात का खुलासा  उस समय हुआ जब जमीन के असली मालिक के हाईकोर्ट में केस जीतने के बाद अब जमीन के बदले मुआवजा अदा करने के लिए हाईकोर्ट (High Court) में ही इजराय याचिका दायर की। याचिका 12 जुलाई को दायर की गई है। जमीन का असली मालिक मीर बख्श है वो नेरचौक का ही रहने वाला है। मीर बख्श ने 92 बीघा भूमि के बदले 10 अरब 61 करोड़ 57 लाख 11 हजार 431 रूपए मुआवजे की मांग की है।

नेरचौक में जिस जमीन पर मेडिकल कॉलेज बना है,वो जमीन मीर बख्श के पूर्वजों की थी। राज्य  सरकार ने सोचा कि मीर बख्श के पूर्वज सुलतान मोहम्मद विभाजन के दौरान पाकिस्तान (Pakistan) चले गए और जमीन को कब्जे लेकर पर कब्जा करने के बाद विभागों को बांट दिया। जबकि सुलतान मोहम्मद की मृत्यु वर्ष 1983 को हिमाचल में ही हुई थी। ऐसे में इन्हें विस्थापित नहीं माना जा सकता। दस्तावेजों और पुराने रिकॉर्ड के आधार पर ही मीर बख्श ने इस केस को जीता है।