मंडी, 25 अगस्त: मंडी जिला प्रशासन कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसके लिए विज्ञान एवं आधुनिक तकनीकी का भी भरपूर उपयोग किया जा रहा है। प्रशासन ने कोविड-19 के लक्षणों को प्रभावी ढंग से स्कैन करने के लिए आईआईटी मंडी द्वारा निर्मित ऑटोमैटिक थर्मल स्क्रीनिंग सिस्टम को उपायुक्त कार्यालय परिसर में स्थापित किया है।
उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने आज यहां इन्फ्रारेड सेंसर आधारित इस स्वचालित तापमान निगरानी प्रणाली का शुभारंभ किया। इस मौेके यह प्रणाली विकसित करने वाले आईआईटी मंडी के प्रोफेसर व उनकी टीम भी उपस्थित रही। स्वचालित तरीके से लोगों के शारीरिक तापमान की जांच के लिए इजाद किए गए इस उपकरण को उपायुक्त कार्यालय में प्रवेश गेट पर लगाया गया है। इससे कार्यालय में आने वाले लोगों का संपर्क रहित प्रवेश सुनिश्चित होगा।
उपायुक्त ने इस प्रणाली को विकसित करने के लिए आईआईटी मंडी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वरूण दत्त और डॉ के.वी.उदय और उनकी पूरी टीम के प्रयासों की सरहाना की। उन्होंने कहा कि इस उपकरण को पायलट आधार पर उपायुक्त कार्यालय परिसर में लगाया गया है, ताकि यह जाना जा सके कि यह उपकरण कितने प्रभावी तरीके से काम कर रहा है। यह उपयोग करने में बेहद आसान और किफायती है और इसके सफल प्रयोग पर इसे अन्य महत्वपूर्ण जगहों में प्रवेशद्वारों पर लगाया जाएगा, जहां लोगों की आमद अधिक रहती है, ताकि लोगांे के शरीरिक तापमान की जांच बिना संपर्क में आए की जा सके। इससे संक्रमण के प्रसार का खतरा कम होगा।
शरीर का तापमान सामान्य से अधिक हुआ तो लाल बत्ती के साथ बजेगा बजर
आईआईटी मंडी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वरूण दत्त ने बताया कि ये तापमान मापक उपकरण बेहद किफायती और असरदार है। इसमें उनकी टीम ने इंफ्रा-रेड सेंसर और अल्ट्रा सोनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। जिससे जब कोई व्यक्ति जांच के लिए इस उपकरण के सामने 10 से 15 सेंटीमीटर की दूरी पर खड़ा होगा तो यह उपकरण उसके शरीर के तापमान को जांच लेगा। तापमान सामान्य होने पर नीली बत्ती जलेगी । लेकिन शरीर का तापमान 100 डिग्री फारनेहाइट होने पर उपकरण में लाल बत्ती जलने के साथ बजर बजेगा, जिससे उस व्यक्ति को बुखार होने का पता चल जाएगा। ध्यान रहे, कोरोना संक्रमण का एक मुख्य लक्षण शरीर का तापमान बढ़ना है।
इन्होंने इजाद की ये डिवाइस
काबिलेगौर है कि आईआईटी मंडी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वरूण दत्त और डॉ. के.वी.उदय के मार्गदर्शन में आईआईटी मंडी के विद्यार्थी प्रवीण कुमार,तुषार सैणी, प्रियंका, अंकुश पठाानिया और शशांक भार्गव ने इस डिवाइस को विकसित किया है