शिमला: 01 अक्तूहबर,2020
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एसजेवीएन लिमिटेड के अध्यपक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री नंद लाल शर्मा ने बताया है कि भारत सरकार ने 66 मेगावाट धौलासिद्ध जलविद्युत परियेाजना के लिए 687 करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताकव को मंजूरी दे दी है। इसमें भारत सरकार द्वारा इनएबलिंग इंफ्रास्ट्र्क्चतर के लिए बजट सहायता के रूप में प्रदान की जाने वाली 21.6 करोड़ रुपए की राशि शामिल है।
श्री शर्मा ने बताया कि शुरूआत में इस परियोजना की परिकल्प ना 27 अक्तूयबर,2008 को की गई थी, जब शुरूआत में इस परियेाजना एसवीपी के लिए एसजेवीएन तथा हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच एमओयू साईन किया गया था। तदुपरांत, 25 सितंबर,2019 को माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्रर मोदी की गरिमामयी उपस्थिति में इन्वेआस्टार मीट में इस परियोजना के लिए पृथक एकल आधार पर एमओयू साईन किया गया था।
श्री शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन के लिए यह अति गौरव और ऐतिहासिक उपलब्धि भरा मामला है कि सभी जरूरी मंजूरियां और क्लीययरेंसेस रिकार्ड समय में हासिल किए गए हैं, जिससे परियोजना निर्माण की गतिविधियों का मार्ग प्रशस्ता हो गया है। श्री शर्मा ने माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्रय मोदी का उनके निरंतर प्रदत्त् मार्ग-निर्देश और आशीर्वाद के लिए हार्दिक धन्योवाद व्यरक्ती किया। श्री शर्मा ने बताया कि यह कार्य एमएनआरई राज्यक मंत्री (स्वातंत्र प्रभार), श्री आर. के. सिंह, हिमाचल प्रदेश के मुख्यशमंत्री, श्री जयराम ठाकुर तथा हिमाचल प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यआमंत्री, श्री प्रेम कुमार धूमल के सतत सहयोग के बिना संभव नहीं था। श्री शर्मा ने कहा कि वित्तख राज्यामंत्री, श्री अनुराग ठाकुर ने इस परियेाजना के लिए समय पर स्वीभकृतियों को सुगम बनाने में सर्वाधिक मूल्यरवान सहयोग दिया है जिसके लिए एसजेवीएन उनका सदैव ऋणी रहेगा।
श्री शर्मा ने बताया कि रन-ऑफ-द-रिवर किस्मि की यह परियोजना हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में सुजानपुर से लगभग 10 कि.मी. डाऊनट्री म में धौलासिद्ध में ब्यापस नदी पर स्थित है। अगर इस परियोजना की मुख्यआ विशेषताओं की बात की जाए, तो इसमें एक 195 मी. लंबा, 70 मी. ऊंचा कंक्रीट ग्रेविटी डैम होगा। इस बांध से लगभग 20 कि.मी. एक जलाशय का निर्माण होगा। 161 क्यू मेक्स के डिस्चारर्ज का उपयोग दो इन्टे क के माध्य म से किया जाएगा जो कि बांध की संचरना के अंदर होंगे और इसके बाद पानी प्रत्ये क 4.3 मी. व्या स और 62 मी. लंबे दो पेनस्टॉ क से गुजरते हुए टरबाईनों में प्रवेश करेगा।
श्री शर्मा ने बताया कि डैम-टो पावर हाऊस ब्या्स नदी के बाएं किनारे पर अभियोजित है, जिसके अंदर प्रत्ये क 33 मेगावाट क्षमता की दो विद्युत उत्पागदन इकाईयों की पूरी मशीने होंगी।
इस परियोजना से सालाना 304 मिलियन यूनिट बिजली पैदा होगी। श्री शर्मा ने भरोसा दिलाया कि एसजेवीएन इस परियोजना को 54 महीनों में पूरा कर लेगा और इससे 1000 व्य क्तियों को रोजगार मिलेगा।