जिला आयुर्वेद विभाग सोलन द्वारा ‘आयुष द्वारा एनीमिया रोकथाम’ जागरूकता अभियान के द्वितीय चरण के तहत आज धर्मपुर विकास खण्ड की ग्राम पंचायत धर्मपुर, दाड़वां, गांगुड़ी तथा कालूझिंडा में एनीमिया जांच, पोषाहार तथा कोविड-19 से सुरक्षा के बारे में जागरूकता शिविर आयोजित किए गए। यह जानकारी जिला आयुर्वेद अधिकारी डाॅ. राजेन्द्र शर्मा ने दी।
उन्होंने कहा कि इन ग्राम पंचायतों में आयोजित शिविरों में 331 रोगियों की एनीमिया जांच की गई। लोगों को संतुलित आहार लेने का परामर्श दिया गया। ग्राम पंचायत धर्मपुर में 135, ग्राम पंचायत दाड़वां में 61, ग्राम पंचायत गांगुड़ी में 72 तथा ग्राम पंचायत कालूझिंडा में 63 रोगियों की स्वास्थ्य जांच की गई।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य जांच में जिन रोगियों का हीमोग्लोबिन स्तर सामान्य से कम पाया गया उन्हें पूरी जांच तथा आवश्यक दवाओं के लिए परामर्श दिया गया।
डाॅ. राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि इन शिविरों में लोगों को बताया गया कि कुपोषण के कारण एनीमिया होता है। शरीर में जब पौष्टिक तत्वों आयरन, विटामिन, लवणों या खनिजों तथा प्रोटीन की कमी हो जाती है तो एनीमिया होता है।
एनीमिया रोग होने से गर्भवती महिला में खून की कमी होने से गर्भावस्था में पल रहे बच्चे में खून की कमी, वजन में कमी, शारीरिक व मानसिक विकालंगता, समय पूर्व जन्म का खतरा तथा कभी-कभी गर्भ में ही बच्चे की मृत्यु हो सकती है। लोेगों को बताया गया कि माता में खून की अधिक कमी से प्रसव के दौरान अधिक खून बहना तथा माता की मृत्यु तक हो सकती है।
शिविरों में लोगांे को बताया गया कि एनीमिया या खून की कमी दूर करने के लिए लौह तत्व से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन शरीर के लिए लाभदायक है। हरी सब्जियां जैसे पालक, ब्रोकली, मूली के पत्तों का साग, लिंगड़ू इत्यादि, चुकंदर, मूली, गाजर, टमाटर, नीम्बू एनीमिया से बचाव में लाभकारी है। अमरूद, अनार, संतरा, मौसम्मी, कीवी, सेब, अंकुरित अनाज जैसे मूंग, काला चना, गुड़, शक्कर, किशमिश, मुनक्का, दाख, खजूर, अंजीर, मंगूफली, पिस्ता, सूखी खुमानी, तुलसी, आंवला, हरा धनिया, गिलोय, पुदीना, अंडा तथा मछली का सेवन खून की कमी को दूर करता है।
शिविरों में कोविड-19 से सुरक्षा के बारे में भी लोगों को जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि लोगों को सोशल डिस्टेन्सिग, मास्क पहनने तथा 20 सेकेंड तक साबुन से हाथ धोने या सेनिटाइजर के उपयोग करने के बारे में बताया गया। लोगों को बताया गया कि कोई भी संक्रमण या बीमारी तभी प्रभावित करती है जब हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय बताए गए।
इस अवसर पर रोगियों को एनीमिया की दवाएं भी निःशुल्क वितरित की गईं।
आयुर्वेदिक चिकित्सक डाॅ. मंजेश शर्मा, डाॅ. प्रियंका, डाॅ. कामिनी, डाॅ. रक्षा तथा आयुर्वेद विभाग के अन्य कर्मचारी एवं स्थानीय निवासी इस अवसर पर उपस्थित थे।