उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने आज वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
उन्होंने बताया कि इस वित्तिय वर्ष के दौरान 109 परियोजनाओं को इस योजना के अंतर्गत बैंकों द्वारा ऋण उपलब्ध करवाए जा चुके हैं, जिसमें 17.78 करोड़ रुपये की पूंजी लागत है तथा 3.63 करोड़ रुपये सब्सिडी के रूप में लाभार्थियों को प्रदान किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि आज 25 नई परियोजनाओं को भी मंजूरी प्रदान की गई, जिसमें 4.37 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है तथा इन परियोजनाओं में 80 लाख रुपये प्रदेश सरकार सब्सिडी के आधार पर वितरित करेगी। उन्होंने बताया कि योजना के तहत विनिर्माण, सेवा तथा वाणिज्यिक क्षेत्र के उद्यम 18 से 45 वर्ष के आयु वाले हिमाचल निवासियों द्वारा स्थापित किए जा सकते हैं। योजना के तहत पूंजी निवेश का 30 प्रतिशत महिलाओं, 35 प्रतिशत विधवाओं, 25 प्रतिशत पुरूषों को सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त 5 प्रतिशत की दर से ब्याज उपदान व अन्य प्रोत्साहन देने का भी प्रावधान है।
डीआईसी महाप्रबंधक योगेश गुप्ता ने अवगत करवाया कि विनिर्माण क्षेत्र में स्टील फैब्रीकेशन, छोटी आटा मिलों, बेकरी, इंजीनियरिंग आधारित इकाईयां, खाद्य प्रसंस्करण, बैग, पेपर कप और प्लेट इकाईयों की स्थापना के प्रस्ताव में मदद प्रदान की गई है तथा सेवा क्षेत्र के उद्यम जैसे जेसीबी, पिकअप/माल वाहक, आॅटो मोबाइल मुरम्मत, सेब ग्रेडिंग और पैकेजिंग, ब्यूटी पार्लर, वेलनेस सेंटर, एग्री क्लीनिक, चिकित्सा प्रयोगशालाएं, ईको टूरिजम, डेंटल व छोटे अस्पतालों और व्यापारिक क्षेत्र की दुकानों, विभागीय स्टोर आदि स्थापित करने के प्रस्तावों को योजना के तहत सहायता प्रदान की जा रही है।
उपायुक्त शिमला ने बताया कि योजना को और अधिक बढ़ावा देने की जरूरत है ताकि जिले के अधिकतम युवा मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना से लाभान्वित हो सके।
इस अवसर पर जिला समन्वय अधिकारी पीएनबी बैंक संजय रितवान, जिला समन्वयक अधिकारी एसबीआई बैंक एच.एन. नेगी, एजीएम काॅपरेटिव बैंक विशेशर शर्मा, यूको बैंक से आंचल चैहान एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।