मंडी, 11 दिसम्बर: उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने भारतीय राष्टीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और संबंधित एसडीएम को निर्देश दिए कि फोरलेन परियोजना के कारण मंडी जिला में ‘राइट आफ वे’ से बाहर साथ लगती निजी संपत्तियों और इमारतों को हुए नुकसान के आकलन की रिपोर्ट एक हफ्ते में प्रस्तुत करें, ताकि मुआवजे का मामला सरकार को समय पर भेजा जा सके।
ऋग्वेद ठाकुर आज फोरलेन परियोजना से निजी सम्पतियों को हुए नुकसान के आकलन के लिए गठित जिला स्तरीय समिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।
बैठक में सुन्दरनगर, बल्ह व सदर उपमण्डल में हो रहे फोरलेन निर्माण के कारण प्रभावित स्थानीय निवासियों के व्यक्तिगत मुआवजों के मामलों पर विस्तार से चर्चा की गई और सम्बन्धित अधिकारियों को उन्हें तुरन्त निपटाने के आदेश दिए।
उपायुक्त के नेतृत्व में बनी इस समिति में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग मंडल के कार्यकारी अभियंता, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक समिति सदस्य बनाए गए हैं। संबंधित एसडीएम समिति के समन्वयक हैं।
बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी श्रवण मांटा, उपमंडलाधिकारी, बल्ह आशीष शर्मा, उपमंडलाधिकारी सुन्दरनगर राहुल चौहान, जिला राजस्व अधिकारी राजीव संख्यान, अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग नेरचौक, प्रदीप कुमार, अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग मंडी जितेन्द्र कुमार, भू-अधिग्रहण अधिकारी अजीत कुमार, जी.एस.गुलेरिया, एनएचआई के परियोजना निदेशक नवीन मिश्रा, फोर लेन निर्माण से संबंधित कंपनियों के प्रतिनिधि, राजस्व व लोक निर्माण विभाग सहित कमेटी के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।