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स्थानीय लोगों को भी उपलब्ध हो रहे स्वरोजगार के अवसर
मत्स्य पालन को प्रदेष सरकार बढ़ावा दे रही है ताकि युवाओं को रोजगार, पर्यटन को पंख और राज्यवासियों को पौष्टिक आहार उपलब्ध हो सके।
प्रदेष की पर्वत मालाओं से अनेक नदियांे का उदगम हुआ है, जो मत्स्य धन को बढ़ावा देने मंे सक्षम है । सरकार इन नदियों की क्षमता का वैज्ञानिक रूप से दोहन करके मत्स्य उत्पादन को विकसित करने के लिए कारगर कदम उठा रही है ।
ट्राउट मछली में काफी मात्रा में प्रोटीन कार्बोहाड्रट वसा, ओमेगा-3 व कोलेस्ट्राल लेवल सामान्य रखने वाले तत्व मौजूद होने तथा स्वरोजगार का साधन होने के कारण इसकी अत्याधिक मांग है । प्रदेष में ट्राउट मछली के उत्पादन के लिए जिला कुल्लू, मण्डी, कांगड़ा, चम्बा, षिमला सिरमौर, सोलन तथा किन्नौर के ठण्डे उपरी क्षेत्र उपयुक्त हैं । यदि हम कुल्लू व मण्डी जिला की बात करें तो यहां की आवो-हवा का विभाग द्वारा ट्राउट पालन के लिए भरपूर फायदा उठाया गया है।
प्रतिवर्ष जिला कुल्लू तथा मण्डी में हजारों देसी व विदेषी पर्यटक मत्स्य आखेट के लिए आते हैं । ट्राउट टूरिज्म के तहत मण्डी जिला की विषेषतः बरोट घाटी आकर्षक का केंद्र बन गई है । घाटी के अपार सौंदर्य में मत्स्य आखेट की व्यापक संभावनाओं का मत्स्य आखेट प्रेमी और पर्यटक भरपूर दोहन कर रहे हैं ।
इसी प्रकार जिला कुल्लू की पार्वती, तीर्थन, ब्यास तथा इसकी सहयोगी नदी-नालों में मत्स्य आखेट किया जा रहा है । परिणामस्वरूप राज्य में पर्यटन से जुडे लोगों के लिए स्वरोजगार के अवसर सृजित होने के साथ प्रदेष की आर्थिकी भी सुदृढ़ हो रही है ।

मत्स्य आखेट के माध्यम से पर्यटन को बढावा देने के लिए विभाग द्वारा मत्स्य आखेट प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जा रही हैं । मत्स्य आखेट हेतु पर्यटकों के रहने के लिए एंगलिंग हट की सुविधा तथा विभिन्न स्थानों पर मत्स्य आखेट लाईसैंस उपलब्ध करवाकर मत्स्य आखेट के लिए आने वाले पर्यटकों को लाभान्वित किया जा रहा है ।
महेष कुमार उप निदेषक मत्स्य विभाग जिला कुल्लू का कहना है कि जिला के पतलीकुहल स्थित ट्राउट फिष फार्म द्वारा निजी ट्राउट पालकों को मछली का बच्चा तथा आहार उपलब्ध करवाया जाता है । पतलीकुहल ट्राउट फार्म से प्रदेष के अन्य जिलों के विभागीय ट्राउट फार्मो एवं निजी मत्स्य पालकों को ट्राउट आहार की आपूर्ति भी की जा रही है । साथ ही इस फार्म से मत्स्य आहार की सप्लाई प्रदेष से बाहर उत्तराखंड, भूटान व सिक्कम के लिए भी हो रही है । पतलीकुहल फार्म द्वारा लगभग 10.0 मीट्रिक टन मछली का प्रतिवर्ष उत्पादन किया जा रहा है तथा मछली की मांग को प्रदेष के साथ-साथ दिल्ली, मुम्बई सहित अन्य शहरों में पूरा किया जा रहा है ।
वर्तमान में जिला कुल्लू में लगभग 90 से अधिक निजी मत्स्य पालक 310 रेसबेज में लगभग 100 टन से अधिक ट्राउट मछली का उत्पादन करके प्रतिवर्ष लाभान्वित हो रहे हैं। जिला के ट्राउट हैचरी फार्म बटाहर, हमणी में 10 लाख बीज मछली उत्पादन करके निजी क्षेत्र के मत्स्य पालकों को लाभान्वित किया जा रहा है ।
खेम सिंह ठाकुर सहायक निदेषक मत्स्य विभाग मण्डी ने जानकारी दी है कि वर्तमान मंे जिला मण्डी में 145 किसानों द्वारा 284 ट्राउट रेसबेज में मत्स्य पालन किया जा रहा है । मत्स्य पालन विभाग जिला मण्डी में ट्राउट मछली पालन का बढ़ावा देने के लिए सिराज, ज्यूणी घाटी, कटौला, जोगेन्द्रनगर व बरोट घाटी में किसानों के कल्स्टर बनाकर उन्हें ट्राउट मछली बीज उत्पादन के लिए ट्राउट हेचरी व ट्राउट आहार सयंत्र स्थापित करने हेतु भी अनुदान सहायता उपलब्ध करवा कर मछली पालकों को लाभान्वित किया जा रहा है । जिला के लिए 6 ट्राउट हैचरी तथा 3 फीड मील स्वीकृत किए गए हैं।
हिमाचल प्रदेष सरकार द्वारा किसानों को मत्स्य पालन के लिए तकनीकी जानकारी एवं वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है ताकि स्थानीय लोग मत्स्य पालन को स्वरोजगार के रूप में अपना सकें । विभाग द्वारा ट्राउट पालन की तकनीक को विभिन्न कार्यक्रमों के तहत किसानों तक पहुंचा कर मछली पालकों को प्रेरित किया जा रहा है।
जिला कुल्लू में निजी ट्राउट मछली पालक संघ कार्यरत है, जिनकी समस्याओं का समय-समय पर समाधान करके विभाग द्वारा लाभान्वित किया जा रहा है । इसके अलावा जिला में एंगलिंग एसोसियेषन द्वारा ट्राउट मछली के संरक्षण तथा इससे पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य विभाग को सहयोग मिल रहा है ।
सरकार की विभिन्न स्कीमों नीली क्रांति व राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत इच्छुक लोगों को मछली पालन के तालाब/रेसवेज बनाने में सामान्य वर्ग को 40 प्रतिषत तथा अनुसूचित जाति व महिला मत्स्य पालकों को 60 प्रतिषत अनुदान सहायता प्रदान की जा रही है । प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत निजी क्षेत्र में ट्राउट हैचरी, फीड मील सयंत्र ट्राउट रेसवेज के निर्माण की सरकार से स्वीकृति भी प्राप्त होने से भविष्य में जिला कुल्लू व मण्डी के निजी क्षेत्र में मछली उत्पादन बढ़ेगा व आर्थिकी में वृद्वि होगी ।
जारीकर्ताः
उप-निदेषक,
सूचना एवंज न सम्पर्क,
क्षेत्रीय कार्यालय,मण्डी
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फोटो संख्या: 0008 पतलीकुहल फिष फार्म में मछलियों को फीड देते हुए
0009 सैंज नदी में मछली के बीज का संग्रहण करते हुए
0010 पतलीकुहल फिष फार्म में पर्यटक मछली पकड़ते हुए
0012 पतलीकुहल फिष फार्म में मछली उत्पादक फीड लेते हुए
0013 व 0014 जोगेन्द्रनगर में मछली उत्पादक