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सोलन, 22 दिसंबर

कुलाधिपति शूलिनी विश्वविद्यालय, प्रो। पी। के। खालसा ने महिला सशक्तिकरण पर एक पुस्तक का विमोचन किया। पुस्तक का शीर्षक “महिला सशक्तिकरण: स्थिति और परिप्रेक्ष्य” है।
प्रो (डॉ।) नंदन शर्मा, स्कूल ऑफ लॉ, शूलिनी विश्वविद्यालय द्वारा संपादित यह पुस्तक पत्रों का संकलन है जिसमें देश के विभिन्न संस्थानों के विद्वानों द्वारा लिखे गए बीस पत्र शामिल हैं।

किताब के लिए प्राध्यापक प्रोफेसर पाम राजपूत, प्रोफेसर एमेरिटस पंजाबी विश्वविद्यालय चंडीगढ़, पूर्व अध्यक्ष, महिलाओं की स्थिति पर उच्च स्तरीय समिति, भारत सरकार और सदस्य संयुक्त राष्ट्र महिला सलाहकार समिति (भारत) द्वारा लिखा गया है।

पुस्तक महिलाओं से संबंधित मुद्दों के वैचारिक आयामों का लेखा प्रदान करती है। कुछ मामलों का उल्लेख करने के लिए संवैधानिक अधिकारों और यौन हिंसा की स्थिति से लेकर, पोर्नोग्राफ़ी, घरेलू हिंसा तक की कई समस्याएं शामिल हैं एवं अन्य समस्याएं जो कोरोना महामारी,के दौरान ज्यादा बढ़ी है जैसे यौन अभिविन्यास, बहुसंस्कृतिवाद आदि विषयों पर विस्तार से लिखा गया है ,
कुलाधिपति ने लेखक की प्रशंसा की और कहा कि हमें समाज में महिलाओं और बच्चों सहित समाज के कमजोर वर्ग को सशक्त बनाने के लिए इस तरह के कुछ महत्वपूर्ण योगदान करने चाहिए। उन्होंने छात्रों को अधिक से अधिक अध्ययन और शोध करने और पुस्तकों, लेखों के रूप में प्रकाशित करने की सलाह दी ताकि समाज में कुछ प्रासंगिक सामग्री प्रसारित हो सके। उन्होंने पुस्तक को बनाने के पीछे उन सभी को बधाई दी।
प्रो। नंदन ने बताया कि यह पुस्तक मौजूदा साहित्य में एक महत्वपूर्ण योगदान के रूप में रहेगी। यह न केवल शिक्षकों, शोधकर्ताओं और कानून संकाय के छात्रों बल्कि अन्य विषयों के लिए भी उपयोगी होगा।