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शिमला शहर के एक निजी स्कूल द्वारा एन्युअल चार्जेज भुगतान नहीं किए जाने पर बच्ची को प्रताड़ित किये जाने का मामला समाचार पत्रों के माध्यम से सामने आया है। इस तरह से किसी छोटी सी बच्ची को मानसिक तौर पर उस एनुअल फीस के लिए प्रताड़ित करना, जिसे कोरोना काल में हिमाचल सरकार ने माफ़ करने के आदेश भी जारी किये हैं। सभ्य समाज में निंदनीय है | परन्तु इन निजी स्कूलों के मालिकों को ना तो हमारे देश के “कन्या बचाओ कन्या पढ़ाओ योजना” का सुध है और ना ही भारत को भविष्य में विश्व पटल पर विश्व गुरु बनाने का कोई खाका है। इस तरह तो लगता है कि इनका एकमात्र लक्ष्य हमेशा अधिक से अधिक शुद्ध लाभ ही कमाना है।

उपरोक्त घटना हिमाचल प्रदेश अभिभावक संघ शिमला के संज्ञान में समाचार पत्रों के माध्यम से आने के उपरांत शिमला कार्यकारिणी के सदस्य क्रमशः श्री रमेश कुमार ठाकुर-अध्यक्ष, आचार्य सी एल शर्मा-सचिव, हरी शंकर तिवारी-सलाहकार , डॉक्टर संजय-मुख्य संरक्षक, श्री कुलदीप सिंह -कोषध्यक्ष, जीतेन्द्र यादव-उपाध्यक्ष, श्रीमती कुसुम शर्मा , श्री हमिंदर धौटा ,श्रीमती रीता चौहान, श्रीमति प्रतिभा, श्री सुरेश वर्मा , श्रीमती हेमा राठौर, श्री ज्ञान चन्द, श्री अम्बिर सहजटा, श्रीमति प्रियंका तंवर एवं कर्यकारिणी के अन्य सदस्य एक स्वर से मांग करते है कि शिमला प्रशासन , शिक्षा निदेशालय और हमारे हिमाचल प्रदेश की लोकप्रिय सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करें और अतिशीघ्र निजी स्कूल की मानसिक प्रताड़ना से पीड़ित बच्ची एवं परिवार को राहत प्रदान करें।