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मंडी, 16 अगस्त । ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री विरेन्द्र कंवर ने पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधियों से अपनी पंचायत की जरूरतों के मुताबिक विकास योजनाएं बनाने का आग्रह किया है। उन्होंने सोमवार को करसोग विधानसभा क्षेत्र में आयोजित पंच परमेश्वर सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि ठोस योजना के बिना विकास के लिए आगे बढ़ना संभव नहीं है। पंचायतों को सरकार विकास कार्यों के लिए करोड़ों रुपये का बजट देती है, जरूरी है कि पंचातयों में चुने हुए जनप्रतिनिधि विकासात्मक सोच के साथ ठोस योजनाएं बनाएं और पूरी पारदर्शिता से काम करवाएं।
विरेंद्र कंवर ने उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों को कहा कि वे अपनी-अपनी पंचायत के विकास के लिए एक वर्ष में कम से कम 5 विशेष योजनाएं तैयार करें और पूरी पारदर्शिता के साथ कार्य करवाएं।
इससे पहले, उन्होंने करसोग क्षेत्र की नवगठित 8 ग्राम पंचायतों काओ, थाच, कुफरीधार, सलाग, सूई, कनेरी माओग, तुमण तथा नावीधार के दस-दस लाख रुपये की लागत से बनने वाले पंचायत सामुदायिक केन्द्रों का शिलान्यास किया ।
उन्होंने कहा कि गावों के विकास के लिए मनरेगा में काम की असंख्य संभावनाएं है। नई सोच के साथ काम करके गांवों का आर्थिक स्वावलंबन संभव है। मंडी जिले की ग्राम पंचायत शाला, मुरहाग और मोवी सेरी ने मनरेगा में काम की मिसाल पेश की है। उन्होंने आग्रह किया कि इन पंचायतों से प्रेरणा लेकर अपनी पंचायत को विकास की दृष्टि से आदर्श पंचायत बनाने का काम करें।
महिलाओं की आर्थिक मजबूती के लिए आजीविका मिशन के तहत ‘हिम ईरा’ के जरिए महिला मंडलों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों को बेचने के लिए उपयुक्त व्यवस्था मुहैया करवाई जा रही हैं।
वहीं मुख्यमंत्री एक बीघा योजना में किचन गार्डनिंग व आर्थिक स्वावलंबन के अन्य कार्यों के लिए 1 लाख रुपये तक की सहायता की जा रही है।