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विभिन्न प्रतियोगिताओं अथवा कार्यक्रमों के तहत कलाकारों को मिलने वाले प्रोत्साहन को बढ़ाने के लिए सरकार के ध्यान में लाकर बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा यह जानकारी आज भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक डॉ पंकज ललित  ने आज चार दिवसीय आज़ादी का अमृत महोत्सव राज्य स्तरीय लोक  नृत्य प्रतियोगिता  के समापन अवसर पर अपने सम्बोधन में व्यक्त किए । उन्होंने कहा कि लोक संस्कृति व लोकानुरंजन के संवर्धन के लिए विभाग कृत संकल्प है और आगामी समय में हिमाचल के अन्य क्षेत्रों में भी भाषा एवं कला से सम्बन्धित प्रतियोगिताओं व कार्यक्रमों का आयोजन कोरोना मानक संचालनों की अनुपालना के साथ किया जाएगा ।
उन्होंने कहा कि प्रदेश का प्रत्येक क्षेत्र विविध संस्कृति के बावजूद न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी वि’ोष पहचान रखता है । उन्होंने कहा कि गीत नृत्य व अन्य विधाएं कोरोना माहौल में भी सकारात्मक भाव उत्पन्न करती है इसी उददे’य की पूर्ति के लिए विभाग द्वारा कोरोना मानक संचालन की अनुपालना को सुनि’िचत करते हुए यह प्रतियोगिता आयोजित की गई ।
उन्होंने बताया कि जिला चम्बा, कुल्लू, बिलासपुर, मण्डी, ऊना, ’िामला, हमीरपुर, सोलन, कांगड़ा, लाहौल स्पीति व सिरमौर के 213 कलाकारों ने इस प्रतियोगिता में भाग लेकर अपनी कला का प्रदर्’ान किया ।
उन्होंने प्रतियोगिता में विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रतिभागियों का उत्साह पूर्वक प्रदर्’ान करने के लिए आभार व्यक्त किया वहीं निर्णायक मण्डल द्वारा अनुकरणीय निर्णय प्रदान करने के लिए उन्हें भी साधुवाद प्रकट किया ।
उन्होंने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले जिला सिरमौर के चुड़े’वर लोक नृत्य सांस्कृतिक मंडल, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले जिला कुल्लू के सूर्य सांस्कृतिक दल बलोगी तथा कांगड़ा के सरस्वती स्वर संगम नृत्य दल को तृतीय स्थान प्राप्त करने पर पुरस्कृत भी किया ।
इस अवसर पर भाषा एवं संस्कृति विभाग के उप-निदे’ाक आरके सकलानी, सहायक निदे’ाक प्रितपाल शर्मा, डा0 रामस्वरूप शांडिल, डा0 सूरत राम ठाकुर, सांस्कृतिक अधिकारी बिहारी लाल शर्मा, भाषा अधिकारी अमित गुलेरिया, जिला ’िामला भाषा अधिकारी अनिल हागटा एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे ।