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एपीजी शिमला विश्वविद्यालयय के रक्तदान अभियान के दौरान बोले शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज शिमला,

रक्तदान दुनिया में सबसे बड़ा महादान,
रक्तदान संबंधी भ्रान्तियों को मीडिया दूर कर सकता है

शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के रक्तदान अभियान को सराहा
एपीजी शिमला विश्वविद्यालयय के रक्तदान अभियान के दौरान बोले शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज
शिमला, सितंबर 6
स्थानीय एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के सौजन्य से सोमवार को रिज मैदान शिमला में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसमें एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और रक्तदाताओं ने स्वैच्छिक रक्तदान किया। रक्तदान शिविर में 61 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया जो अस्पतालों में जरूरतमंद रोगियों की जरूरत को पूरा करेगा। इस रक्तदान अभियान के दौरान हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत कर रक्तदान के महत्त्व पर प्रकाश डाला। इस अभियान के दौरान नगर निगम शिमला की मेयर सत्या कौंडल और डिप्टी-मेयर शैलेंद्र चौहान भी विशेष अतिथि रहे। इस अभियान के दौरान मंत्री सुरेश भारद्वाज ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि रक्तदान महादान है और किसी की जिंदगी बचाना दुनिया में सबसे बड़ा महादान व पुण्य का कार्य होता है। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि जब कोई बीमार पड़ जाता है या किसी घटना से ग्रषित हो जाता है तो उसे बचाने के लिए रक्त की आवश्यकता रहती है, अगर उस समय रक्त की आवश्यकता को पूरा कर दे तो जान को बचाया जा सकता है, इसलिए रक्तदान को महादान कहा गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश स्वैच्छिक रक्तदान करने में देश में अग्रणी स्थान रखता है क्योंकि हिमाचल में स्वैच्छिक रक्तदान के आधार पर रक्त एकत्रित किया जाता और किसी प्रकार की रक्त की खरीद-फरोख्त की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी की जान बचाने के लिए कोई रक्तदान करता है तो उसमें किसी प्रकार की शारीरिक कमी व कमजोरी नहीं आती है। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कई बार लोग भ्रांतियां फैलाते हैं कि रक्तदान करने से कमजोरी आ जाती है बल्कि असल में तो रक्तदान से रक्त की प्यूरिफिकेशन व शुद्धि होती है और फिर तीन महीने में  रक्तदाता रक्तदान के योग्य हो जाता है। इस संदर्भ में भारद्वाज ने कहा कि शिमला में ऐसे भी रक्तदाता हैं जिन्होंने सौ से अधिक बार रक्तदान किया है। उन्होंने ने कहा कि रक्तदान संबंधी भ्रांतियाँ अभी खासकर ग्रामों में होती हैं जिन्हें  मीडिया दूर कर सकता है। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि रक्तदान से कोई कमज़ोरी नहीं आती है बल्कि यह पुण्य का कार्य है। सुरेश भारद्वाज ने एपीजी शिमला विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित इस रक्तदान अभियान के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन, स्टॉफ, छात्रों, शिक्षकों को  बधाई दी और इस तरह के पुण्य कार्य व रक्तदान शिविर आयोजित करने के लिये एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के  कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान का धन्यवाद किया और कुलपति रमेश चौहान का मीडिया से परिचय करवाते हुए कहा कि प्रो. डॉ. रमेश चौहान उनके कॉलेज के दिनों से मित्र भी हैं और हमेशा समाजहित में काम करने के लिए रुचि रखते हैं। वहीं सुरेश भारद्वाज ने वरिष्ठ व जाने-माने पत्रकार डॉ. अश्वनी शर्मा जो एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग से बतौर विजिटिंग फैकल्टी जुड़े हुए हैं उनका इस रक्तदान अभियान को सफल बनाने के लिए धन्यवाद किया। कुलपति प्रो. रमेश चौहान ने सभी रक्तदाताओं, डॉक्टरों, छात्रों, शिक्षकों का धन्यवाद किया। कुलपति चौहान ने मंत्री सुरेश भारद्वाज का इस अभियान में शामिल होने के लिए  धन्यवाद करते हुए कहा कि वे हमेशा समाजहित व मानवहित में सभी को प्रेरित करते रहें।  इस तरह इस अभियान के दौरान एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार बलराम झा, कार्यकारी अधिकारी, विभागाध्यक्ष, डीन, निदेशक भी मौज़ूद रहे।