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शूलिनी विश्वविद्यालय में बच्चों के लिए शेक्सपियर पर चर्चा

सोलन, 4 दिसम्बर

शूलिनी विश्वविद्यालय के अंग्रेज़ी विभाग के साहित्यिक समाज, बेलेट्रिस्टिक ने शेक्सपियर के नाटकोंके एक पहलू पर चर्चा करते हुए एक शानदार सत्र का आयोजन किया, जिसे आमतौर पर आलोचकोंद्वारा उपेक्षित किया जाता है जिसका नाम है, “शेक्सपियर फॉर चिल्ड्रन”। सत्र के वक्ता श्री सम्राटशर्मा, सहायक प्रोफेसर, अंग्रेजी विभाग, शूलिनी विश्वविद्यालय थे।

चर्चा पैनल में शूलिनी विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग की प्रमुख, प्रो मंजू जैदका और अन्य संकायसदस्य श्री तेज नाथ धर, श्रीमती पूर्णिमा बाली, श्री नीरज पिजार, श्रीमती साक्षी सुंदरम, श्री राजेशविलियम्स और श्री नवरीत साही शामिल थे।

सत्र की शुरुआत बच्चों के लिए लिखे गए साहित्य के उद्भव के परिचय के साथ हुई। बच्चों के साहित्यके इतिहास की जड़ें विदेशी लोककथाओं, भारतीय लोककथाओं, प्राचीन ग्रीस और रोम की कहानियोंऔर फारस में उत्पन्न दंतकथाओं में जानवरों से बात करने के विचार की तरह मौखिक रूप से पारितकहानियों में हैं।

इसके अलावा, सत्र में शेक्सपियर और बाल साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान के बारे में चर्चा की गई।श्री शर्मा ने चार्ल्स और मैरी लैम्ब की “टेल्स फ्रॉम शेक्सपियर” जैसी कुछ कृतियों और क्लासिकनाटकों की कई अन्य रीटेलिंग का उल्लेख किया। उन्होंने “रोमियो एंड जूलियट” और “मैकबेथ” जैसेप्रसिद्ध नाटकों पर भी चर्चा की। साथ ही वार्ता के बाद उपस्थित लोगों और पैनलिस्टों द्वारा पूछे गएप्रश्नों के आधार पर एक दिलचस्प चर्चा भी हुई।