जोगिन्दर नगर, 08 फरवरी-बैजनाथ जिला कांगड़ा के निवासी चंद्र दीक्षित मुख्य मंत्री स्टार्टअप स्कीम के तहत जड़ी बूटियों से धूप व अगरबत्ती को तैयार करेंगे। प्राकृतिक तरीके से तैयार होने वाले इन धूपन सामग्री से न केवल लोगों को स्वास्थ्य की दृष्टि से इसका सीधा लाभ मिलेगा बल्कि पर्यावरण भी प्रदूषित होने से बच पाएगा। मुख्य मंत्री स्टार्टअप योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश आयुष विभाग के जोगिन्दर नगर स्थित भारतीय चिकित्सा पद्धति अनुसंधान संस्थान में स्थापित इन्क्यूबेशन केंद्र में इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जाएगा।
जब इस बारे चंद्र दीक्षित से बातचीत की तो उन्होने बताया कि वे प्रदेश में बायो वेस्ट प्रबंधन पर जिला कांगड़ा प्रशासन के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। जिला कांगड़ा के प्रसिद्ध शक्तिपीठों ज्वालाजी, चामुंडा, ब्रजेश्वरी तथा बैजनाथ मंदिरों के फूलों को वे न केवल एकत्रित करते हैं बल्कि धूप व अगरबत्ती बनाकर इनका वैज्ञानिक तरीके से निपटारा भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि मंदिरों में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए जाने वाले इन फूलों को आस्था की दृष्टि से न तो नदी-नालों में बहाया जा सकता है न ही इन्हे दबा सकते हैं। यही नहीं पर्यावरण की दृष्टि से भी अप्राकृतिक तरीके से इन फूलों का निपटारा करना मानव जीवन के साथ-साथ पर्यावरण के लिये भी नुकसान दायक है।
उनका कहना है कि इन फूलों में हानिकारक कीटनाशक होते हैं तो मनुष्य के स्वास्थ्य के साथ-साथ अन्य प्राणियों के लिये भी खतरनाक हैं। ऐसे में प्राकृतिक तरीके से धूपन सामग्री तैयार करने के लिये सीएम स्टार्टअप स्कीम के तहत आयुर्वेद पद्धति से कार्य करने को आगे कदम बढ़ाया है।
कंप्यूटर इंजीनियरिंग की उच्च शिक्षा प्राप्त चंद्र दीक्षित बताते हैं कि आयुष विभाग के सहयोग से जड़ी-बूटियों से तैयार होने वाली धूपन सामग्री से जहां जड़ी-बूटियां तैयार करने वाले प्रदेश के किसान लाभान्वित होंगे तो वहीं उपभोक्ताओं को वैज्ञानिक तरीके से तैयार आयुर्वेदिक धूप व अगरबत्ती प्राप्त हो सकेगी।