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क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन दिनांक 12-03-2022 रेशम तकनीकि सेवा केन्द्र, जम्मू के द्वारा
जिला मंडी में डडौर स्थित राजकीय रेशम केंद्र में किया गया I केंद्र के वैज्ञानिक-घ एवं प्रभारी श्री एन. एस.
गहलोत ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अथितियों एवं प्रशिक्षणार्थियों का स्वागत किया I श्री गहलोत ने सभी
को बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश में उत्त्पादित सिल्क कोकून से रेशम धागे का
निर्माण करना, निर्मित रेशम धागे का खडी/हैंडलूम पर उपयोग कर हिमाचली पोशाक बनाना है एवं
रीलिंग,स्पिनिंग,बुनाई, रंगाई उद्योग को उन्नत बनाना ताकि रेशम उद्योग से जुड़े हुए रीलर, बुनकर को अधिक
आर्थिक फ़ायदा मिल सके I
दिनांक 03 मार्च से 12 मार्च 2022 तक “मलबरी रीलिंग प्रौधोगिकी” पर प्रशिक्षण कार्यक्रम में 17 महिलाएं
तथा 3 पुरुषों ने नियमित भाग लिया I 10 दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान रीलिग़ मशीन के पुर्जों के रख रखाव ,
रेशम कोसा छटाई, कोसा पकाना, रीलिंग/धागाकरण प्रकिया, रेशम धागे की लच्छी बनाना, कोकून /धागे की
गुणवत्ता आदि के बारे में पांच कौशल प्रशिक्षक द्वारा सिखया गया I कार्यक्रम के दौरान सभी 20
प्रशिक्षनार्थियों को ट्रेनिंग किट, चाय-नास्ता, दोपहर के भोजन की व्यवस्था की गई एवं प्रत्येक प्रशिक्षनार्थी को
1500 रुपए मजदूरी भत्ता /मानदेह दिया गया I सेंट्रल सिल्क टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (CSTRI),
बैंगलोर द्वारा सभी को 10 दिनों का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा I
रेशम तकनीकि सेवा केन्द्र (Silk Technical Service Centre), जम्मू, सेंट्रल सिल्क टेक्नोलॉजिकल
रिसर्च इंस्टीट्यूट (CSTRI), केंद्रीय रेशम बोर्ड, बैंगलोर की एक उप-इकाई है जो रेशम, कोकून / धागा / वस्त्र
के लिए परीक्षण सेवाएं प्रदान करता है तथा रेशम कोसा , धागा / कपड़ा उद्योग के लिए तकनीकी सेवाओं का
समय-समय पर आयोजन कर रहा है । सी.एस.टी.आर.आई., बैंगलोर द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों को वस्त्र-
मन्त्रालय, भारत-सरकार की सेंट्रल सेक्टर स्कीम (CSS) के तहत रेशम उत्पादन/रेशम उद्योग से संबंधित
योजनाएं को उद्योग विभाग/सेरीकल्चर,हि.प्र. सरकार के समन्वय से लागू किया जा रहा है I
श्रीओ.पी. जरियाल ,महाप्रबन्धक, जिला उद्योग केंद्र मंडी मुख्य अथिति ने सभी रीलर्स/रेशम किसानो को
संबोधित करते हुए कहा कि सिल्क व्यवसाय के विकास के लिए केंद्रीय रेशम बोर्ड की अच्छी पहल है इससे
बुनकर परिवार की महिलाओं को घर बैठे रोजगार का अवसर मिल सकेगा I प्रतिभागियों से आगे आकर सभी
पोस्ट कोकून के तहत विभिन्न हिमाचल सरकार की विभिन्न योजनाओ को अपनाकर लाभ उठाने के लिए सुझाव
दिया I श्री जरियाल ने अनुदान एवं आसान लोन मिलने के बारे में सभी को सुझाव दिया I मलबरी रेशम
कोसे/कोकून से धागे बनाकर, फिर उसी धागे का उपयोग हैंडलूम/पॉवरलूम द्वारा रेशम वस्त्र में परिवर्तित कर
(वैल्यू एडिशन द्वारा) अधिक लाभ कमाया जा सकता है I

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श्री अरविन्द भारद्वाज, विशिष्ट अथिति/ जिला रेशम अधिकारी/प्रभारी मंडी विशिष्ट अथिति ने अपने संबोधन में
कहा कि हम राज्य सरकार की लागू किया जा रहा है एवं कोसा उत्तपादन बढ़ाने के गाँव-गाँव में रेशम किसान
को समस्त सुविधा डी जा रही है I श्री भारद्वाज ने प्रदेश के मंडी एवं कुल्लू जिलो के रेशम कार्य को देख रहे है I
श्री जय कुमार, गेस्ट ऑफ ऑनर जो कि मै. महादेव वूलेन मिल्स एवं वस्त्र कारोबारी सुन्दर नगर जिला मंडी ने
कई महत्वपूर्ण जानकारी दी गई और बताया कि रेशम को ऊन के साथ आसानी से मिक्स कर ब्लेंड धागे का
निर्माण कर तरह-तरह के वस्त्रों का निर्माण/डिजाईन किया जा सकता है I रेशम धागे से नई बुनाई की उन्नत
तकनीक को उपयोग में लाने के लिए सुझाव किया I श्री कुमार हिमचल प्रदेश सिल्क बेस्ट /अपशिष्ट को वूलेन के
साथ मिलाकर बहु-डिजाईन के धागे एवं वस्त्र के उत्पाद निर्माण से सभी को फायदा मिलेगा I
प्रशिक्षण समापन कार्यक्रम में श्री रमेश रेशम इंस्पेक्टर, श्री बचन लाल तकनीकी प्रशिक्षक, श्री बहादुर फील्ड
सहायक, रेशम/ बुनकर प्रतिनिधि सहित अन्य 10 लोग उपस्थित थे I आज के इस प्रशिक्षण समापन कार्यक्रम
में छ: गावों से महिला बुनकर, रीलर/ रेशम किसान सहित कुल 30 प्रतिभागियों ने भाग लिया है I
श्री भारत भूषण, वरिष्ठ तकिनकी सहायक, रेशम तकनीकि सेवा केन्द्र, जम्मू ने अंत में अतिथियों एवं
प्रतिभागियों का समापन कार्यक्रम में भाग लेने के लिए धन्यवाद ज्ञापन किया I