शूलिनी विश्वविद्यालय में चित्रकूट स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स ने ‘संवाद’ शीर्षक से एक चर्चा श्रृंखला शुरू की है। श्रृंखला का मुख्य उद्देश्य समकालीन समय की विभिन्न ऐतिहासिक और राजनीतिक चिंताओं पर बातचीत और विचार विमर्श द्वारा छात्रों में इतिहास के प्रति जिज्ञासा उत्पन करना है ।
इस श्रृंखला का पहला व्याख्यान “पुरातत्व के लिए कदम-बहु-अनुशासनात्मक दृष्टिकोण के लिए मूल बातें” शीर्षक पर आयोजित किया गया । प्रोफेसर मंजू जैदका, डीन, फैकल्टी ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड एंशिएंट इंडियन विजडम ने अपने स्वागत भाषण में संकाय सदस्यों और छात्रों को विशेषज्ञों के साथ इस तरह के अंतःविषय बातचीत में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।
श्रृंखला के विशेषज्ञ वक्ता डॉ. अर्जुन राव थे, जो कर्नाटक के केंद्रीय विश्वविद्यालय से प्रागैतिहासिक पुरातत्व के विशेषज्ञ थे। डॉ. राव ने पुरातत्व के क्षेत्र में विभिन्न आयामों के बारे में बताया।
प्रोफेसर तेज नाथ धर, डॉ एकता सिंह, डॉ सचना और डॉ सिद्धार्थ ने सक्रिय रूप से चर्चा में भाग लिया और सत्र को आकर्षक बनाया । छात्रों के प्रश्नों को संबोधित करते हुए डॉ. राव ने पुरातत्व के क्षेत्र में महत्वपूर्ण करियर संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला।