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गीता कपूर निदेशक (कार्मिक), एसजेवीएन ने कारपोरेट कार्यालय, शिमला में एसजेवीएन के
सभी कर्मचारियों को "विश्व तंबाकू निषेध दिवस" ​​पर शपथ दिलाई। इस वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस की
थीम है- तंबाकू: पर्यावरण को खतरा।
श्रीमती कपूर ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए इस बात पर बल दिया कि किसी भी संगठन या
समाज की प्रगति के लिए, स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है और विश्‍व में हर वर्ष तंबाकू के उपयोग से 80 लाख से
अधिक लोगों की मृत्‍यु हो जाती हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि युवाओं और राष्ट्र के कार्यबल को विशेष रूप
से हमारे समाज पर तंबाकू के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है। वर्ष भर चलने
वाले आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान इस वर्ष राष्ट्रीय स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत शपथ दिलाई
गई। श्रीमती कपूर ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी की वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से
500 गीगावाट विद्युत उत्‍पादन की प्रतिबद्धता के अनुरूप, एसजेवीएन ने वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, वर्ष
2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट स्थापित क्षमता के साझा विजन के साथ अपने
बिजनेस मॉडल को पुनर्गठित किया है। वर्तमान में, एसजेवीएन के पास लगभग 31,500 मेगावाट का कुल
पोर्टफोलियो है और इसने पावर ट्रांसमिशन और पावर ट्रेडिंग में भी विविधी‍रण एवं प्रवेश किया है। हमारे
निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमारे कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए स्वस्थ
जीवन शैली का पालन करना और तंबाकू के प्रतिकूल प्रभाव से अवगत होना अत्‍याधिक आवश्यक है।
संगठन के व्यावसायिक हितों को तीव्रता से आगे बढ़ाने के अतिरिक्‍त, एसजेवीएन ने सदैव
सीएसआर गतिविधियों के निष्पादन में विशेष रूप से अपने परियोजना प्रभावित क्षेत्रों में सर्वोच्‍च महत्व
दिया है। दिनांक 16.05.2022 से 31.05.2022 तक स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम के दौरान, निगम कार्यालय
शिमला और इसके परियोजना स्थानों के आसपास स्कूलों के ईर्दगिर्द वृक्षारोपण, हनुमान मंदिर जाखू, सूर्य
मंदिर नीरथ आदि प्रमुख मंदिरों में स्वच्छता अभियान, एसजेवीएन द्वारा शिमला के झुग्‍गी-झोपड़ी क्षेत्रों में
हेल्पएज इंडिया के सहयोग से विशेष स्वच्छता अभियान, गांवों और सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ेदानों की
स्थापना, स्वच्छता के प्रति जागरूकता के संबंध में स्कूलों में विभिन्न प्रतियोगिताएं, पुराने कार्यालय
अभिलेखों की सफाई, गंगा, सतलुज और पिंडर नदी जैसी नदियों/तटों की सफाई, गांवों में सैनिटाइजर और
स्वच्छता उपकरणों का वितरण, प्लास्टिक बेलिंग मशीन की स्थापना, बायो-कम्पोस्ट मशीनें, पैड वेंडिंग
मशीन और इन्सिनरैटर, महिलाओं के लिए विशेष स्वच्छता जागरूकता शिविर आदि जैसी कई गतिविधियों को
कार्यान्वित किया गया है। इन गतिविधियों के दौरान समुदाय की भागीदारी सबसे उत्साहजनक और
प्रोत्‍साहक थी।