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स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) की सिफारिशों के अनुसार भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गर्भवती महिलाओं के कोविड-19 टीकाकरण को इस शर्त के साथ मंजूरी दे दी है कि गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 संक्रमण के साथ-साथ देश में उपलब्ध कोविड-19 वैक्सीन से जुड़े जोखिमों और लाभ की जानकारी देनी होगी। उन्होंने कहा कि देश में वर्तमान में तीन वैक्सीन कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पुतनिक-वी को आपातकालीन स्थिति में उपयोग के लिए मंजूरी दी गई है।

उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं को टीका लगाने का निर्णय लेने में मदद करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिला प्रशासन को कर्मचारियों, अग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं और निजी चिकित्सा व्यवसायियों को प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि अग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं द्वारा घरों का दौरा किया जाएगा और उन्हें अस्पताल में प्रसव पूर्व जांच, आउटरीच टीकाकरण सत्र, ग्राम स्वास्थ्य और पोषण दिवस (वीएचएनडी) और शहरी स्वास्थ्य और पोषण दिवस (यूएचएनडी) आदि के बारे में परामर्श दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यदि गर्भवती महिलाएं टीकाकरण करवाने का निर्णय लेती हैं तो स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा पंजीकरण की प्रक्रिया में उनकी मदद की जाएगी। गर्भवती महिला में एईएफआई के मामले में जिलों में एईएफआई समिति गठित की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रसूति रोग विशेषज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ या नवजात रोग विशेषज्ञ को एईएफआई समितियों में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सा अधिकारियों, निजी चिकित्सकों और अग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं को गर्भवती महिलाओं के कोविड-19 टीकाकरण से संबंधित एईएफआई निगरानी के लिए उनकी भूमिका पर प्रशिक्षित किया जाना है।