Sun. May 19th, 2024

महिला एवं बाल विकास विभाग किन्नौर द्वारा उपायुक्त कार्यालय सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 के विषय पर गहनता से जानकारी दी गई। ऐसे शिविरों के आयोजन से महिलाओं को उनके कार्यस्थल पर सुरक्षित वातावरण तैयार करने व महिला सशक्तिकरण की दिशा में अहम भूमिका निभा रहा है।
कार्यशाला में पुलिस विभाग की महिला आरक्षी अनुपमा नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि ये अधिनियम 9 दिसंबर 2013 को प्रभाव में आया। यह कानून जहां कार्यस्थल पर महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षा प्रदान करता है। वही उनके साथ यदि कार्यस्थल पर कोई लैंगिक उत्पीड़न का मामला सामने आता है तो उसके निवारण में भी मदद करता है। नेगी ने बताया कि इस  अधिनियम में विशाखा मामले में उच्च न्यायालय द्वारा दिये गए सभी दिशा निर्देश व बहुत से नए प्रावधान भी सम्माहित है ।
अधिवक्ता दीपक ने अधिनियम के संबंध में बताया कि जिन संस्थाओं में दस से अधिक लोग काम करते हैं वहां एक आंतरिक शिकायत समिति व जहां संख्या दस से कम हो वहां स्थानीय शिकायत समिति का गठन किया जाना अनिवार्य है। समिति के गठन में महिला सदस्यों का शामिल किया जाना भी आवश्यक  है।
अधिवक्ता दीपक ने यह भी बताया कि महिला उत्पीडन के मामले में पीड़िता को 90 दिन के भीतर अपनी शिकायत समिति को करना अनिवार्य है। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों से भी अधिनियम के संदर्भ में अपने दायित्वों के प्रति जागरूक रहने बारे विस्तृत जानकारी दी।
कार्यशाला का संचालन सांख्यकीय सहायक अंजू नेगी ने किया । इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी किन्नौर डॉ सोनम नेगी,डॉ कविराज, खंड विकास अधिकारी कल्पा ज्ञान प्यारी, उप-प्रधानाचार्य ठाकुर सैन नेगी महाविद्यालय रिकांग पिओ जनक नेगी, क्षेत्रीय प्रबंधक हिमाचल पथ परिवहन अजेंद्र चौधरी व सभी विभागों के अधिकारी कर्मचारियों सहित सनम नेगी, माला भगति, आरजू, स्नेहा, कुमारी सुशील, अमर देवी, निकिता उपस्तिथ थे