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तिब्बती धर्मगुरू परम पावन दलाई लामा के जन्म दिवस के अवसर पर आज कांगड़ा जिला के धर्मशाला में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर शिमला से वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।
धर्मशाला में आयोजित दलाई लामा जी के जन्मदिन समारोह में मुख्यमंत्री का व्यक्तिगत रूप से शामिल होने का पूर्व निधारित कार्यक्रम था, लेेकिन प्रतिकूल मौसम के कारण इस तय कार्यक्रम में वह वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। उन्होंने परम पावन दलाई लामा से दूरभाष के माध्यम से बातचीत की और उन्हें जन्मदिवस की शुभकामनाएं दी तथा उनके उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घ आयु की कामना की।
इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि परम पावन दलाई लामा मानवता और अध्यात्म को लेकर जिस ऊर्जा और समर्पण के साथ कार्य कर रहे हैं, वह भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि दलाई लामा का सम्पूर्ण जीवन मानवता, शान्ति और अहिंसा के लिए समर्पित है। उन्होंने तिब्बत के लोगों की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तिब्बत के मुद्दों के समाधान के लिए दलाई लामा जी के अहिंसक प्रयास दुनिया के लिए उदाहरण है। उन्होंने कहा कि आज धर्मशाला को बौद्ध धर्म की पवित्र नगरी और दलाई लामा के घर के रूप में जाना जाता है। यह शहर पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जय राम ठाकुर ने कहा कि कोरोना काल में जब लोगों के मन में वैक्सीन लगाने को लेकर कई तरह के भ्रम थे, उस समय दलाई लामा जी ने स्वयं वैक्सीन लगवाकर इन भ्रान्तियों को दूर करने का कार्य किया और लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने लोगों से दलाई लामा के विचारों को अपने जीवन में अपनाने का आह्वान करते हुए पूरी मानवता के कल्याण के लिए कार्य करने का आग्रह किया।
 इस अवसर पर शिमला में जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुभासीष पन्डा, मुख्यमंत्री के सलाहकार एवं प्रधान निजी सचिव डॉ. आर.एन बत्ता, सी.टी.ए. के शिमला में प्रतिनिधि अधिकारी टी. दोरजे, मुख्य सलाहकार तेनजिन और प्रभारी लामा याफफिल एबोट उपस्थित थे।
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