मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. सुरेखा चैपड़ा ने बताया कि जल जनित रोगांे से बचाव के लिए हमें सचेत और सजग रहना अत्यंत आवश्यक है। मौसम परिवर्तन तथा बरसात में स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने इनमें बचने के लिए साफ-सफाई पर ध्यान रखने, घरों के आस-पास पानी इक्ट्ठा न होने देने तथा खाने-पीने की चीजों को पर्याप्त ढक कर रखने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि इसमें पनपने वाले रोगों से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा कि इस दौरान मलेरिया, डेंगू, स्क्रब टाईफस, दस्त, आंत्रशोध, पीलिया, टायफायड आदि रोगों से बचाव के लिए हमें सतर्कता बरतना आवश्यक है। बरसात के मौसम में मच्छरों की अधिकता से भी मलेरिया व अन्य रोगों के बढ़ने की संभावना रहती है। इस संबंध में लोगों को जागृत करने के उद्देश्य से 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस के रूप मंे आयोजित कर जानकारी व लोगों को सजग रहने का आह्वान किया जाता है।
उन्होंने कहा कि मच्छरों से बचने के लिए घर के दरवाजों व खिड़कियों में लोहे की जाली लगाए तथा घर के आस-पास यदि पानी खड़ा हो तो मच्छर मारने वाली दवाई की स्प्रे करे ताकि बीमारी के फैलाव से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें तथा आवश्यक परामर्श के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र से सम्पर्क करें।