Fri. May 3rd, 2024

एसजेवीएन के अध्यषक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री नन्दद लाल शर्मा ने हिमाचल प्रदेश में चिनाब बेसिन में 501 मेगावाट क्षमता की तीन परियोजनाएं आबंटित करने के लिए हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्य मंत्री श्री जय राम ठाकुर तथा राज्यी सरकार के प्रति आभार व्यपक्तन किया है ।

हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्यरमंत्री श्री जय राम ठाकुर की अध्य क्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में चिनाब बेसिन में 104 मेगावाट टांडी , 130 मेगावाट राशिल तथा 267 मेगावाट की साच खास जलविद्युत परियोजनाएं एसजेवीएन को आबंटित की गईं। एसजेवीएन पहले से ही चिनाब बेसिन में 3 परियोजनाओं नामत: 430 मेगावाट रिओली दुग्लीआ, 210 मेगावाट पुर्थी एवं 138 मेगावाट बरदंग जलविद्युत परियोजनाओं का निर्माण कर रहा है । इन तीन परियोजनाओं के आबंटन के साथ एसजेवीएन के पास अब चिनाब बेसिन में कुल 1279 मेगावाट क्षमता की छह परियोजनाएं हैं।

श्री शर्मा ने माननीय मुख्य मंत्री को बताया कि एसजेवीएन पहले ही उदयपुर में कार्यालय स्था्पित कर चुका है और उन्हेंर आश्वामसन दिया कि इन परियोजनाओं का निर्माण समयबद्ध रूप से किया जाएगा क्योंाकि एसजेवीएन का मूल आधार जलविद्युत है ।

श्री शर्मा ने कहा कि एसजेवीएन के लिए पर्यावरण सरंक्षण तथा स्थायनीय मुद्दों का समाधान सदा ही प्राथमिकता वाले क्षेत्र रहे हैं और उन्होंेने माननीय मुख्यंमंत्री को आश्वाथसन दिया कि एसजेवीएन इन परियोजनाओं के निर्माण के दौरान पर्यावरण तथा अन्य स्थांनीय मुद्दों का पूरा ध्याथन रखेगा ।

श्री नन्दय लाल शर्मा ने जोर देकर कहा कि जलविद्युत का विकास आर्थिक संभाव्यिता तथा अवसंरचनात्ममक विकास को बल प्रदान करने के लिए एकीकृत नदी बेसिन विकास दृष्टिकोण के साथ किया जाना है । उन्हों ने कहा कि अवसंरचनात्मनक विकास से देश का समूचा सामाजिक आर्थिक विकास सुनिश्चित होगा । यह प्रधानमंत्री श्री मोदी के 24×7 सभी को विद्युत उपलब्धा कराने के विजन को पूरा करने की दिशा में एक महत्वमपूर्ण मुकाम सिद्ध होगा ।

एसजेवीएन की वर्तमान स्थाकपित क्षमता 2016.51 मेगावाट है तथा इसका लक्ष्यद सन 2023 तक 5000 मेगावाट, सन 2030 तक 12000 मेगावाट , सन 2040 तक 25000 मेगावाट स्थातपित क्षमता वाली कंपनी बनना है । एसजेवीएन की विद्युत उत्पा2दन के विभिन्न क्षेत्रों में मौजूदगी है जिसमें जलविद्युत, पवन , सौर एवं ताप विद्युत शामिल है । कंपनी की विद्युत पारेषण के क्षेत्र में भी उपस्थिति है ।